अस्थमा | जानिए इसके कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

 

अस्थमा हमारे वायुमार्ग से जुड़ी एक समस्या है | इसमें हमारा वायुमार्ग संकुचित हो जाता है जिसके कारण हमें साँस लेने में तकलीफ़ होती है | 

अस्थमा के कारण

अस्थमा कई कारणों से हो सकता है जिसमें पर्यावरण और आनुवंशिकी एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं |

अगर आपके परिवार में किसी को अस्थमा है तो संभावना है कि आपको भी अस्थमा हो सकता है, लेकिन यह ज़रूरी नहीं है |  

अस्थमा के वातावरणीय कारक:

ज़्यादातर लोगों के अस्थमा का कारण वातावरणीय होता है |

  • एलर्जी: ज़्यादातर लोग जिनको अस्थमा है, उनको किसी ना किसी चीज़ से एलर्जी होती है | ज़्यादातार अस्थमा से पीड़ित बच्चों को किसी ना किसी खाने की चीज़ से एलर्जी होती है |
  • धुम्रपान
  • पालतू जानवरों से संपर्क: कुछ लोगों को पालतू जानवरों के संपर्क में आने से एलर्जी हो सकती है |
  • कमज़ोर इम्यूनिटी: जिन लोगो की इम्यूनिटी कमज़ोर होती है, उनमे संक्रमण की संभावना ज़्यादा होती है |
  • ठंडा मौसम
  • धुए का संपर्क: अस्थमा केवल धुम्रपान करने से ही नही, बल्कि और भी कई प्रकार के धुए के संपर्क में आने से भी हो सकता है, जैसे कि, जो औरतें चूल्‍हे पे खाना बनती हैं, जो लोग कारखानों में काम करते हैं, वे पूरे दिन चूल्‍हे या कारखानों से निकलने वाले धुए में साँस लेते हैं | ऐसे लोगों में अस्थमा होने की ज़्यादा संभावना होती है |
  • वायु प्रदूषण

अस्थमा के लक्षण

  • कुछ लोगों में सिर्फ़ खाँसी ही एक लक्षण दिखाई पड़ता है, जब कि कुछ लोगों में और भी अस्थमा के लक्षण पाए जा सकते हैं |

अस्थमा के सबसे आम लक्षण है-

  • खाँसी
  • घरघराहट
  • साँस लेने में तकलीफ़
  • सीने में जकड़न

ज़्यादातर लोगों में अस्थमा के लक्षण रात में गंभीर हो जाते हैं, जिसमें रातभर खाँसी आना सबसे आम लक्षण पाया गया है |

अस्थमा के घरेलू उपचार

१. शहद:

    शहद को प्राचीन काल से एक जड़ीबूटी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है | कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि शहद लेने से खाँसी की आवृत्ति और गंभीरता में सुधार आता है | 

    आप एक चम्मच शहद रोज़ सुबह-शाम ले सकते हैं, या चाहें तो एक चम्मच शहद को नींबू के पानी में घोल के भी पी सकते है | काफ़ी सारे लोग शहद और नींबू की चाय बना के भी पीते हैं | इससे खाँसी और गले के दर्द से काफ़ी आराम मिलता है |

    २. गरम पानी में भाप:

      गरम पानी में भाप लेने से वायुमार्ग की सूजन में काफ़ी सुधार आता है |

      भाप लेने के तरीके:

      • आप चाहें तो गरम पानी से नहा सकते हैं |
      • स्टीमर से भाप ले सकते हैं | स्टीमर में पुदीने का तेल, नीलगिरि का तेल, अजवाइन के फूल का तेल, या चीड़ का तेल मिलाने से काफ़ी आराम मिल सकता है |
      ३. चाय:

        यहाँ आम चाय की बात ही हो रही है | जिन लोगों को दूध की चाय पीने की आदत हो, वो लोग अपनी चाय में अदरक डाल के पी सकते हैं | |

        आप चाहे तो बिना दूध की चाय भी पी सकते हैं |

        • गरम पानी में नींबू और शहद मिला के पीने से खाँसी में काफ़ी आराम मिल सकता है |
        • पुदीना साँस लेने की तकलीफ़ में काफ़ी आराम दिलाता है | पुदीने की चाय या पुदीने का पानी रोज़ पीने से साँस की तकलीफ़ में सुधार आ सकता है |
        ४. योगा और एक्सर्साइज़:

          प्रतिदिन योगा और एक्सर्साइज़ करने से ना केवल अस्थमा के लक्षणों में सुधार आता है, बल्कि हमारी पूरी इम्यूनिटी भी बढ़ती है |

          इन नीचे दिए गए आसनों से अस्थमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है |

          • भ्रामरी प्राणायाम
          • भस्त्रिका प्राणायाम
          • ओम का उपचार
          • अनुलोम विलोम
          • कपालभाती
          • भुजंगासन
          • गोमुखासन
          • धनुरासन
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